Smriti Mandhana Awarded Divy Bhushan Award | Cricketer स्मृति मानधना (स्मृति मंधाना) को दिव्य भूषण पुरस्कार–2018 | This award is given on Mahesh Navami by Maheshacharya | Maheshwari Awards

स्मृति मानधना (स्मृति मंधाना) माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक 'दिव्य भूषण' सम्मान से सम्मानित


Indian cricketer Smriti Mandhana has been honored with Divy Bhushan Award, one of the highest awards of Maheshwari Samaj. This honor is given for the distinguished and notable service done by a Maheshwari person in any field. These Maheshwari Awards have been started by Maheshwari Akhada (whose official name is 'Divyashakti Yogpeeth Akhara'), the highest Gurupeeth of Maheshwari community. This award is given to the recipient by the Peethadhipati of Maheshwari Akhada, who is decorated with the title of Maheshacharya, the highest guru post of Maheshwari community (At the present time Yogi Premsukhanand Maheshwari is the Peethadhipati of Maheshwari Akhada and Maheshacharya). These awards are given on Mahesh Navami.

Only maximum 8 Maheshwari persons can be given the Divy Bhushan Award in one year, it is an international level award. A medal and a citation (honor card) are given in this award. The Divy Bhushan is the third highest Maheshwari award in the Maheshwari community, preceded by the Maheshwari Ratna and the Divy Vibhushan and followed by the Divy Shri Award.

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भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी स्मृति मानधना (स्मृति मंधाना) को माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च पुरस्कारों में से 'दिव्य भूषण' सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में माहेश्वरी व्यक्ति द्वारा की गई विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च गुरुपीठ, माहेश्वरी अखाड़ा (जिसका आधिकारिक नाम 'दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा' है) के द्वारा शुरू किये गए है। यह पुरस्कार "प्राप्तकर्ता" को माहेश्वरी अखाड़े के पीठाधिपति द्वारा दिया जाता है, जो माहेश्वरी समुदाय के सर्वोच्च गुरु पद "महेशाचार्य" की उपाधि से अलंकृत होते हैं (वर्तमान समय में योगी प्रेमसुखानंद माहेश्वरी माहेश्वरी अखाड़े के पीठाधिपति और महेशाचार्य हैं)। ये पुरस्कार महेश नवमी पर प्रदान किये जाते हैं।

एक वर्ष में अधिकतम 8 माहेश्वरी व्यक्तियों को ही दिव्य भूषण पुरस्कार दिया जा सकता है, यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है। इस पुरस्कार में एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र (सम्मान पत्र) दिया जाता है। दिव्य भूषण माहेश्वरी समाज में तीसरा सबसे बड़ा माहेश्वरी पुरस्कार है, इससे पहले माहेश्वरी रत्न और दिव्य विभूषण और इसके बाद दिव्य श्री पुरस्कार दिया जाता है।




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स्मृति मानधना (स्मृति मंधाना) 

स्मृति मानधना एक विख्यात भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है, जों भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलती है। खेलों में क्रिकेट को ज्यादातर राष्ट्रों में बहुत पसंद किया जाता है। पहले पुरुषों द्वारा क्रिकेट खेले जाने का बहुत महत्व था लेकिन जैसा की हम सब अब जानते ही हैं की महिलाये भी अब किसी क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं हैं तो क्रिकेट में कैसे पीछे रह सकती हैं। उन महिला क्रिकेट खिलाडियों में से स्मृति मानधना एक ऐसी खिलाडी हैं जिन्होंने अपने अच्छे प्रदर्शन से न केवल महिलाओं का, पुरे राष्ट्र का, बल्कि समस्त माहेश्वरी समाज का नाम पुरे विश्व में ऊंचा कर दिया है। बाएं हाथ से खेलने वाली बल्लेबाज खिलाडी स्मृति मानधना ने अपने अच्छे प्रदर्शन से न केवल भारत में बल्कि पुरे विश्व में अपने माहेश्वरी समाज का नाम रोशन किया है।

Smriti Mandhana Born, Education and Family (स्मृति मानधना जन्म, शिक्षा और परिवार)

स्मृति का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई महाराष्ट्र में हुआ। इनके पिता श्रीनिवास मानधना (फॉर्मर डिस्ट्रिक्ट-लेवरल क्रिकेटर) और माता स्मिता मानधना हैं। इनका एक भाई भी है जिसका नाम श्रवण मानधना (फॉर्मर डिस्ट्रिक्ट-लेवरल क्रिकेटर) है। जब ये मात्र दो वर्ष की थी तब इनके माता पिता माधवनगर, सांगली (महाराष्ट्र) में हमेशा के लिए आ कर बस गए जिसके बाद इनकी पूरी शिक्षा और परवरिश माधवनगर, सांगली में ही हुई। इनका पूरा परिवार क्रिकेट से जुड़ा हुआ और एक क्रिकेट प्रेमी परिवार है। स्मृति का क्रिकेट में आने का मन तब हुआ जब इन्होने अपने भाई को अंडर 16 के लिए राज्य स्तर पर क्रिकेट खेलते हुए देखा। स्मृति मात्र 11 वर्ष की आयु में अंडर 19 के लिए क्रिकेट में शामिल कर ली गयी थीं। क्योंकि स्मृति का परिवार पहले से ही क्रिकेट क्षेत्र की अच्छी जानकारी रखता था इसलिए इनकी माता और भाई इनके खाने पीने (पौष्टिक भोजन) का, एक्सरसाइज का, स्वास्थ्य (फिटनेस) का पूरा ध्यान रखते थे ताकि स्मृति पूरी तरह स्वस्थ रहे और क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर पाएं।

Smriti Mandhana Domestic career (डोमेस्टिक करियर)

स्मृति ने अपने करियर में सबसे पहली सफलता डोमेस्टिक स्तर पे पाई जब उन्होंने अक्टूबर 2013 में वडोदरा में अल्मबिक क्रिकेट ग्राउंड पर वेस्ट जोन अंडर 19 टूर्नामेंट में गुजरात के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए 150 गेंदों पर 224 रन बना के नाबाद रहीं। इतना ही नहीं ये वो पहली महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने वनडे में दोहरा शतक लगाया। इसके बाद 2016 में वुमन चैलेंजर ट्रॉफी में इन्होने भारत रेड की और से खेलते हुए 3 अर्धशतक लगातार लगाये। इन्ही में 62 रन की एक ऐसी पारी भी शामिल हैं जिससे इन्होने फाइनल में लगाकर टीम को जीत दिलाई थी।

Smriti Mandhana International career (अंतर्राष्ट्रीय करियर)

स्मृति अपने अच्छे प्रदर्शन से क्रिकेट में अपनी जगह बना चुकी हैं जिसके कारण इन्हे तीनो फार्म में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ। इन्होने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय खेल बांग्लादेश के खिलाफ 10 अप्रैल 2013 वनडे में खेला था। इसके बाद इन्होने अपने टेस्ट मैच में करियर की शुरुआत 2014 को इंग्लैंड के खिलाफ वोर्म्स्ली पार्क में खेल के शुरू किया था। जिसमे इन्होने दो पारियों में 22 और 51 रन का योगदान दिया। स्मृति के नाम ने तब उचाइयां छूना शुरू कर दिया जब इन्होने 2017 में वर्ल्डकप के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ 90 रन और वेस्ट इंडीज के खिलाफ 106 रन बना के अपनी टीम को फाइनल तक ले जाने में मदद की। अब इनको इनके प्रदर्शन के लिए पूरा विश्व जान चूका है।

विशेष उल्लेखनीय उपलब्धियां
सितंबर 2016 में, स्मृति ने ब्रिस्बेन हीट टूर्नामेंट के तत्कालीन संस्करण के लिए साइन करने के बाद महिला बिग बैश लीग में खेलने के लिए हस्ताक्षर करने वाली दूसरी भारतीय बन गयी। इस रिकॉर्ड में पहला नाम हरमनप्रीत कौर का है।

स्मृति को साल 2016 में ‘आईसीसी प्लेयर ऑफ द ईयर’ पुरुस्कार भी मिल चूका है। इस खिताब को पाने वाली ये पहली महिला खिलाड़ी हैं।

2018 में चेन्नई सुपरकिंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच आईपीएल क्वालीफ़ायर राउंड से पहले महिला टी20 लीग की तर्ज पर एक प्रदर्शनी मैच का आयोजन किया था जिसमे स्मृति ने कप्तानी की थी।

स्मृति को इंग्लैंड की ‘किया सुपर लीग’ की मौजूदा चैम्पियन वेस्टर्न स्टॉर्म टीम ने जून 2018 अपने साथ जोड़ा है। मंधाना एक ऐसी पहली भारतीय महिला खिलाडी हैं जिन्हे इंग्लैंड की महिला टी-20 लीग के किसी क्लब से जुड़ने का मौका मिला है।

स्मृति को 25 सितम्बर 2018 को भारतीय सरकार ने "अर्जुन पुरुस्कार" से सम्मानित किया है।

*उपरोक्त "प्रशस्ति" दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा (माहेश्वरी अखाड़ा) द्वारा प्रकाशित दिव्य भूषण पुरस्कार 2018 की स्मारिका में स्मृति मानधना  के बारेमें  लिखी गई है।

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Maheshwari Samaj Pays Soulful Tribute To Sushama Swaraj | माहेश्वरी समाज ने सुषमा स्वराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की | Maheshwari Akhada

The Maheshwari community is also mourning the sad demise of Sushma Swaraj, a politician who was dedicated to humanity and human sensibilities and who incorporated Indian culture and values ​​in her life. Maheshwaris are paying tribute to him across the country. Maheshwari Akhada paid tribute to Sushma Swaraj ji on behalf of the entire Maheshwari community.

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मानवता और मानवीय संवेदनाओं के प्रति समर्पित, भारतीय संस्कृति और संस्कारों को अपने जीवन में उतारनेवाली राजनेता सुषमा स्वराज जी के दुखद निधन पर माहेश्वरी समाज में भी शोक व्यक्त किया जा रहा है। देशभर में उन्हें माहेश्वरी समाजजनों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित की जा रही है। माहेश्वरी अखाडा ने समस्त माहेश्वरी समाज की ओरसे सुषमा स्वराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

माहेश्वरी अखाड़े के पीठाधिपति प्रेमसुखानंद माहेश्वरी ने उन्हें याद करते हुए कहा की पाकिस्तान का एक माहेश्वरी परिवार पाकिस्तान छोड़कर राजस्थान में बस गया था। इस परिवार की लड़की मशाल माहेश्वरी ने भारत के एक स्कुल में बारहवीं के एक्झाम दिए, 91% मार्क्स लिए लेकिन नागरिकता का सवाल आड़े आया जिसके कारन से, पाकिस्तानी होने के कारन उसे डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल रहा था। जब यह बात माहेश्वरी अखाड़े के संज्ञान में आयी तो माहेश्वरी अखाड़े ने सुषमा स्वराज जी तक (जो की उस समय भारत की विदेशमंत्री थी) यह बात पहुंचाई और मानवीयता के आधारपर इन पर सहयोग करने की अपील की। इस मुद्दे को लेकर अखाड़े ने समाजजनों के साथ मिलकर सोशल मिडिया पर भी अभियान चलाया। और विदेशमंत्री के नाते सुषमा स्वराज जी ने इस पर व्यक्तिगत रूपसे ध्यान दिया और उस माहेश्वरी लड़की को भारत के प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन मिला। वो एक सदृदय राजनेता थी।

माहेश्वरी महासभा के सभापति श्याम सोनी जी, महासभा के महामंत्री संदीप काबरा जी, अंतरराष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब के संयोजक अशोक सोडानी जी, अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी युवा संगठन के राष्ट्रिय अध्यक्ष राजकुमार काल्या जी, लोकसभा सभापति ओम बिर्ला जी, भाजपा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष श्याम जाजू जी, राजस्थान की पूर्व मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी जी, माहेश्वरी सेवा सदन के अध्यक्ष जुगलकिशोर बिर्ला जी, माहेश्वरी एकता टीवी के संपादक राजेश गिलड़ा जी, साहित्यिक शरद गोपीदास बागड़ी जी, रामकुमार भूतड़ा जी, राकेश जाजू जी, स्वरुप माहेश्वरी जी, शुभम माहेश्वरी जी, ओम चांडक जी, ललित धुत जी आदि समाज के अनेको पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समाजजनों ने सुषमा स्वराज जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। माहेश्वरी समाचार और हमारे पाठकों की ओरसे भी सुषमा स्वराज जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि ! एक सदृदय राजनेत्री के रूपमें सुषमा स्वराज की को इतिहास में चिरकाल तक याद किया जायेगा।

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Many Congratulations to Mr. Shaleen Kabra ji | श्री शालीन काबरा जी का बहुत-बहुत अभिनंदन !

Shri Shaleen Kabra ji (IAS) is a native of Udaipur. Presently he is the Principal Secretary in the Ministry of Home Affairs in the state of Jammu and Kashmir. The responsibility of law and order and security of the entire state rests on their strong shoulders. Due to Governor's rule in Jammu and Kashmir, Shri Kabra ji is the head of the Home Department.

At a time when the Modi government has removed Article 370 from Jammu and Kashmir, this bill has been passed in the Parliament and at such a sensitive time, Shalin Kabra ji, as the Principal Secretary of the Home Ministry of the State of Jammu and Kashmir, is responsible for the security, They are discharging the important responsibility of maintaining law and order.

Earlier, while being the Chief Electoral Officer of Jammu and Kashmir state, the credit for conducting peaceful elections in the state goes to Shri Kabra ji. This is a matter of inspiration and pride for all of us Maheshwari brothers. Many congratulations to Mr. Shalin Kabra ji!

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श्री शालीन काबरा जी (IAS) उदयपुर के मूल निवासी है। वर्तमान में जम्मू कश्मीर राज्य में गृह मंत्रालय में प्रधान सचिव है। पूरे राज्य की कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी इनके मजबूत कंधो पर है। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन होने के कारण श्री काबरा जी गृह विभाग के प्रमुख है।

ऐसे समय में जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी है, यह बिल संसद में पारित हो गया है और ऐसे संवेदनशील समय में शालीन काबरा जी जम्मू कश्मीर राज्य के गृह मंत्रालय के प्रधान सचिव के नाते जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा, कानून और सुव्यवस्था को कायम रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे है।

इससे पहले जम्मू कश्मीर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी रहते हुए राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव करवाने का श्रेय श्री काबरा जी को जाता है। यह हम सभी माहेश्वरी बंधुओ के लिए प्रेरणा एवम गौरव का विषय है। श्री शालीन काबरा जी का बहुत-बहुत अभिनंदन !