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Maheshwari Samaj : Divy Bhushan Award – Third Highest Award Of Maheshwari Community | दिव्य भूषण पुरस्कार – माहेश्वरी समाज का तीसरा सर्वोच्च पुरस्कार | These Awards Are Given On Mahesh Navami

Only maximum 8 Maheshwari persons can be given the Divy Bhushan Award in one year, it is an international level award. A medal and a citation (honor card) are given in this award. The Divy Bhushan is the third highest Maheshwari award in the Maheshwari community, preceded by the Maheshwari Ratna and the Divy Vibhushan and followed by the Divy Shri Award. Divy Bhushan or Divya Bhushan is an award generally given only to Maheshwaris for their special contribution in various fields of life like spirituality, art, education, industry, literature, science, sports, medicine, social service and public life etc. This also includes the services rendered by the officials of the organization of Maheshwari community.

This prestigious Maheshwari Award of Maheshwari Samaj are given by the highest Gurupeeth of Maheshwari Samaj "Maheshwari Akhada (whose official name is 'Divyashakti Yogpeeth Akhara')". These awards are announced every year in the month of December and generally on the day of Mahesh Navami, they are given by the Maheshacharya, the supreme Guru of Maheshwari community.

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एक वर्ष में अधिकतम 8 माहेश्वरी व्यक्तियों को ही दिव्य भूषण पुरस्कार दिया जा सकता है, यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है। इस पुरस्कार में एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र (सम्मान पत्र) दिया जाता है। दिव्य भूषण माहेश्वरी समाज में तीसरा सबसे बड़ा माहेश्वरी पुरस्कार है, इससे पहले माहेश्वरी रत्न और दिव्य विभूषण और इसके बाद दिव्य श्री पुरस्कार दिया जाता है। दिव्य भूषण पुरस्कार आम तौर पर माहेश्वरीयों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे आध्यात्मिकता, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, सामाजिक सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशेष योगदान के लिए दिया जाता है। इसमें माहेश्वरी समाज के संगठन के पदाधिकारियों द्वारा दी गई सेवाएँ भी शामिल हैं।


माहेश्वरी समाज का यह प्रतिष्ठित माहेश्वरी पुरस्कार माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च गुरुपीठ "माहेश्वरी अखाड़ा (जिसका आधिकारिक नाम 'दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा' है)" के द्वारा दिया जाता है। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल दिसंबर महीने में की जाती है और आम तौर पर महेश नवमी के दिन ये माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च गुरु महेशाचार्य द्वारा दिए जाते हैं।

दिव्य भूषण पदक (मेडल) का डिजाइन -
दिव्य भूषण पुरस्कार के पदक (मेडल) का डिजाइन गोलाकार है। गोल हिस्‍से की गोलाई 4.4 सेंटीमीटर तथा मोटाई करीब 0.6 मिलीमीटर है। इसके ऊपर गोलाकार में दो सितारों (2 Stars) की नक्‍काशी की गई है। दो सितारों के ऊपर 'दिव्य' और निचे 'भूषण' हिंदी लिपि में उकेरा गया है। इसके पीछे गोलाकार में माहेश्वरी समाज के प्रतीक चिन्‍ह- मोड़ की नक्‍काशी की गई है। मोड़ के निचे हिंदी में 'माहेश्वरी' उकेरा गया है

देखें Link > ये हैं माहेश्वरी समाज के 4 सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार | Four (4) Most Prestigious Awards Of Maheshwari Community


देखें Link > प्रतिष्ठित माहेश्वरी सम्मान "दिव्य पुरस्कार" के लिए नामांकन आमंत्रित | Nominations Invited For Divy Awards – Maheshwari Akhada


Four (4) Most Prestigious Awards Of Maheshwari Community | Maheshwari Ratna (माहेश्वरीरत्न), Divy Vibhushan, Divy Bhushan And Divy Shri | These Maheshwari Awards Are Given On Mahesh Navami

Maheshwari Samaj ke 4 sabse pratishthit Puraskar 

Maheshwari Ratna (माहेश्वरीरत्न), Divy Vibhushan, Divy Bhushan, Divy Shri are the 4 highest Maheshwari awards. This is an international level award of Maheshwari community. All these prestigious highest Maheshwari awards of Maheshwari Samaj are given by the highest Gurupeeth of Maheshwari Samaj "Maheshwari Akhada (whose official name is 'Divyashakti Yogpeeth Akhara')". These awards are announced every year in the month of December and generally on the day of Mahesh Navami, they are given by the Maheshcharya, the supreme Guru of Maheshwari community.

Other awards given by Maheshwari Akhada include three national level awardsSethshree Award, Maheshwari Ratna Seth Damodardas Rathi Award and Maheshwari Samaj Gaurav Award. All these above mentioned international and national honors seem to be a matter of pride for those who receive them, which remind them of their contribution throughout their life. They showcase the importance of the award recipient and their work in their community, country and the world.

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माहेश्वरी रत्न, दिव्य विभूषण, दिव्य भूषण, दिव्यश्री यह 4 सर्वोच्च माहेश्वरी पुरस्कार है। यह माहेश्वरी समाज के अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार है। माहेश्वरी समाज के यह सभी प्रतिष्ठित सर्वोच्च माहेश्वरी पुरस्कार माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च गुरुपीठ "माहेश्वरी अखाड़ा (जिसका आधिकारिक नाम 'दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा' है)" के द्वारा प्रदान किये जाते है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिसंबर माह में घोषित किये जाते है और आम तौर पर महेश नवमी के दिन माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च गुरु महेशाचार्य इन्हे प्रदान करते है।




माहेश्वरी अखाडा द्वारा दिए जानेवाले अन्य पुरस्कारों में राष्ट्रिय स्तर के 3 पुरस्कार है- सेठश्री पुरस्कार, माहेश्वरीरत्न सेठ दामोदरदास राठी पुरस्कार और माहेश्वरी समाज गौरव पुरस्कार। उपरोक्त यह सभी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रिय  सम्मान जिन्हें मिलते है उनके लिए गर्व का प्रतीत होते है जो जीवनभर उन्हें उनके योगदान की याद दिलाते है। अपने समाज, देश और दुनिया में पुरस्कार पानेवाले को और उनके कार्य की महत्ता को प्रदर्शित करते है।

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माहेश्वरी समाज के इन सभी प्रतिष्ठित सर्वोच्च माहेश्वरी पुरस्कार में से माहेश्वरी समाज का अंतरराष्ट्रीय स्तर का सर्वोच्च पुरस्कार (सम्मान) है- माहेश्वरी रत्न। 'माहेश्वरी रत्न' के बाद क्रमशः चौथे, तीसरे और दूसरे स्थान पर दिव्यश्री, दिव्य भूषण और दिव्य विभूषण यह श्रेष्ठ पुरस्कार है। सेठश्री पुरस्कार, माहेश्वरीरत्न सेठ दामोदरदास राठी पुरस्कार और माहेश्वरी समाज गौरव पुरस्कार राष्ट्रिय स्तर के पुरस्कार है। माहेश्वरी समाज के सभी व्यक्ति व्यवसाय, पद अथवा लिंग के भेदभाव के बिना इन पुरस्कारों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

माहेश्वरी समाज के इन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रिय स्तर के पुरस्कारों के लिए एक सँख्या-सीमा निर्धारित की गई है। एक साल में अधिकतम कुल 2 ही "माहेश्वरी रत्न" दिए जा सकते है। कुल दिव्य पुरस्कारों की अधिकतम संख्या 28 ही हो सकती है जिनमें अधिकतम 4 दिव्य विभूषण, 8 दिव्य भूषण और 16 दिव्यश्री है। एक बार दिव्यश्री मिलने के बाद यदि किसी को उससे उच्चतर श्रेणी का दिव्य पुरस्कार यानि दिव्यभूषण या दिव्यविभूषण के लिए चयन करना है तो ऐसे किसी मामले में पूर्व दिव्य पुरस्कार प्रदान किए जाने के समय से कम से कम पांच वर्ष की अवधि समाप्त हो जाने के बाद ही वे प्रदान किए जा सकते हैं। राष्ट्रिय स्तर के पुरस्कारों में एक साल में अधिकतम कुल 5 सेठश्री पुरस्कार, 5 माहेश्वरीरत्न सेठ दामोदरदास राठी पुरस्कार और 5 माहेश्वरी समाज गौरव पुरस्कार दिए जा सकते है।

माहेश्वरी समाज में कर्म, कौशल, दानवीरता और सेवा की अनंत गाथाएं भरी पड़ी हैं। हम उन लोगों से अपनी आंखें फेर नहीं सकते जिन माहेश्वरीयों ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर हमारे समाज और देश का गौरव बढ़ाया है और हमें राष्ट्रिय-अंतरराष्ट्रीय पहचान और मान्यता दिलाई है। माहेश्वरी अखाड़ा (दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा) द्वारा ऐसे माहेश्वरीयों को उपरोक्त अलग-अलग पुरस्कार और सम्मान से नवाजा जाता है।

माहेश्वरी समाज के अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

माहेश्वरी रत्न 

"माहेश्वरी रत्न" यह माहेश्वरी समाज का सर्वोच्च सम्मान है। इस अलंकरण (पुरस्कार) से उन माहेश्वरी व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हों, अपने-अपने क्षेत्रों में उत्‍कृ‍ष्‍ट कार्य कर हमारे देश और समाज का गौरव बढ़ाया हो। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक पदक (मेडल/Medal) और सम्मानपत्र प्रदान किया जाता है।

माहेश्वरी रत्‍न उच्‍चतम सम्‍मान है, जो कला, साहित्‍य, विज्ञान, राजनीतिज्ञ, विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को असाधारण सेवा के लिए तथा उच्च लोक सेवा को मान्‍यता देने के लिए 'माहेश्वरी अखाड़ा (दिव्यशक्ति योगपीठ अखाड़ा)' की ओर से दिया जाता है। ‘माहेश्वरी-रत्न’ केवल माहेश्वरी संगठनों के पदाधिकारियों को ही दिया जानेवाला सम्मान नहीं है वरन इसमें वे माहेश्वरी लोग भी सम्मिलित हैं जिन्होंने समाज और देश को नई उपलब्धि दी, हमारे देश और समाज का गौरव बढ़ाया और समाज को प्रगति के मार्ग पर अग्रेसर करने का यत्न किया।

एक वर्ष में अधिकतम 2 व्यक्तियों को ही माहेश्वरी रत्न दिया जा सकता है। यह प्रतिवर्ष दिया जाने वाला अलंकरण नहीं है। यह किसी माहेश्वरी व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व और समाज के प्रति उसकी अत्यन्त समर्पण भावना के लिए यदा-कदा दिया जाने वाला अलंकरण है। 'माहेश्वरी रत्न' पुरस्कार दिसम्बर महीने में घोषित किये जाते है। आम तौर पर मार्च/अप्रैल/मई माह में इन पुरस्कारों का वितरण किया जाता है।

'माहेश्वरी रत्न' पदक करीब 5.9 सेंटीमीटर लम्बा, 4.8 सेंटी मीटर चौड़ा और 3.2 मिली मीटर पतला पान (Betel) की पत्‍ते के रूप में है। इसके ऊपर 1.9 सेंटीमीटर गोलाई में सूर्य की तस्‍वीर अलंकृत की गई है, जिसके नीचे देवनागरी लिपी में माहेश्वरी रत्‍न शब्‍द की नक्‍काशी की गई है। इसके पीछे माहेश्वरीयों का प्रतीक चिन्‍ह- मोड़ तथा आदर्श वाक्‍य- "सर्वे भवन्तु सुखिनः" भी देवनागरी में लिखा गया है। इसे भगवे (saffron) फीते में डालकर गले में पहना जाता है।

दिव्य पुरस्कार 

दिव्य पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं- दिव्यश्री, दिव्य भूषण, दिव्य विभूषण। माहेश्वरी अखाड़ा द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिए जानेवाले माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च सम्मान 'माहेश्वरी रत्न’ के बाद क्रमशः चौथे, तीसरे और दूसरे स्थान पर दिव्यश्री, दिव्य भूषण और दिव्य विभूषण यह श्रेष्ठ पुरस्कार है।

दिव्य पुरस्कारों के लिए स्पष्टरुप से मापदण्ड यह होते हैं कि जो माहेश्वरी व्यक्ति किसी विशिष्ट क्षेत्र में असाधारण और उत्कृष्ट सेवा करते हैं उनको दिव्य विभूषण दिया जाता है। इसी तरह दिव्य भूषण के मापदण्ड उच्च श्रेणी की उत्कृष्ट सेवाओं पर आधारित होते हैं, तो वहीं दिव्यश्री सिर्फ उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रदान किए जाते हैं।

दिव्य पुरस्कार भी माहेश्वरी समाज के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। दिव्य पुरस्कार (दिव्यश्री, दिव्य भूषण, दिव्य विभूषण) आम तौर पर सिर्फ माहेश्वरीयों कों दिए जाने वाले सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, अध्यात्म, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिए जाते है। इस सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र (सम्मान पत्र) दिया जाता है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिसंबर माह में घोषित किये जाते है और आम तौर पर मार्च/अप्रैल/मई माह में प्रदान किये जाते है।

दिव्य विभूषण पुरस्कार 

दिव्य विभूषण सम्मान माहेश्वरी समाज का दूसरा सर्वोच्च सम्मान है। जो माहेश्वरी व्यक्ति अपने किसी विशिष्ट क्षेत्र में असाधारण और उत्कृष्ट सेवा करते हैं उनको दिव्य विभूषण दिया जाता है। यह सम्मान समाज के लिये बहुमूल्य योगदान के लिए भी दिया जाता है।

दिव्य भूषण पुरस्कार —

दिव्य भूषण सम्मान माहेश्वरी समाज का तीसरा सर्वोच्च सम्मान है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें माहेश्वरी समाज के संगठन के पदाधिकारीयों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं।

दिव्यश्री पुरस्कार 

दिव्यश्री या दिव्य श्री सम्मान माहेश्वरी समाज का चौथा सर्वोच्च सम्मान है। दिव्यश्री सम्मान किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारी के तौर पर माहेश्वरी व्यक्ति द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं।

माहेश्वरी समाज के राष्ट्रीय पुरस्कार

सेठश्री पुरस्कार 

सेठश्री पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जो कि किसी माहेश्वरी व्यक्ति विशेष को अपने जीवन में उसके द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए, माहेश्वरी संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के लिए, शिक्षा के क्षेत्र में जरूरतमंदों को सहायता के लिए, आर्थिक रूप से दुर्बल लोगों के चिकित्सा में सहयोग के लिए, राष्ट्रिय आपदा में सहायता के लिए दिये गए विशेष आर्थिक मदत (दान/डोनेशन) के योगदान के लिए दिया जाता है। यह आजीवन पुरस्कार उस वर्ष के अंत में प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत आदिशक्ति महालक्ष्मी जी की प्रतिमा, पारंपरिक माहेश्वरी पगड़ी (साफा) और सम्मानपत्र दिया जाता है। हर साल अधिकतम 5 माहेश्वरीयों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

माहेश्वरीरत्न सेठ दामोदरदास राठी पुरस्कार —

माहेश्वरीरत्न सेठ दामोदरदास राठी पुरस्कार का प्रारम्भ भारत के उज्जवल पुरूष-रत्न, भारत माता के सच्चे सपूत, मारवाड़ मुकुट, तिलक युग के भामाशाह तथा माहेश्वरीयों का राजा के नाम से सुप्रसिद्ध माहेश्वरीरत्न सेठ दामोदरदासजी राठी की स्मृति में किया गया है। यह पुरस्कार आम तौर पर किसी माहेश्वरी व्यक्ति, संस्था, ट्रस्ट अथवा संगठन को उनके द्वारा माहेश्वरी समाज के लिए दिये गए आजीवन सेवा अथवा अति विशेष कार्य के लिए दिया जाता है। यह माहेश्वरी समाज के लिए तन-मन-धन से दिए गए उत्कृष्ठ नेतृत्व के योगदान के लिए दिया जानेवाला पुरस्कार भी है। यह वार्षिक पुरस्कार है जो उस वर्ष के अंत में प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत माहेश्वरीरत्न सेठ दामोदरदास राठी की प्रतिमा, 51 हजार रुपये की धनराशि और सम्मानपत्र दिया जाता है। हर साल अधिकतम 5 माहेश्वरी व्यक्तियों को अथवा माहेश्वरी संस्थाओं या संगठनों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

माहेश्वरी समाज गौरव पुरस्कार —

यह पुरस्कार किसी माहेश्वरी व्यक्ति विशेष द्वारा माहेश्वरी समाज अथवा माहेश्वरी संगठन के लिए दिये गए आजीवन सेवा के लिए दिया जाता है। यह वार्षिक पुरस्कार है जो उस वर्ष के अंत में प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत भगवान महेशजी की प्रतिमा, एक लाख रुपये की धनराशि और सम्मानपत्र दिया जाता है। हर साल अधिकतम 5 माहेश्वरीयों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।